अनुच्छेद लेखन : विद्यार्थियों पर दूरदर्शन का प्रभाव
दूरदर्शन आधुनिक युग में मनोरंजन का एक महत्त्वपूर्ण साधन है जो मानव को मनोरंजन देने के साथ-साथ प्रेरणा और शिक्षा प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम घर बैठे लाखों मील दूर की घटनाओं को अपनी आँखों से देख सकते हैं। दूरदर्शन के दो पहलू हैं –
(1) विकास (2) विनाश।
जीवन में दूरदर्शन के अच्छे कार्यक्रम का अच्छा प्रभाव पड़ता है, हम उससे प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। यह विकास है। दूसरी तरफ इसमें दिखाए गए हिंसा, हत्या, बलात्कार, अश्लील कार्यक्रम समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, यह विनाश है। विद्यार्थी विद्यालय से घर पहुँचते ही माता-पिता से अपनी दिनचर्या के विषय में बात करने की बजाय टी॰वी॰ खोल लेते हैं। दूरदर्शन विद्यार्थियों की जान बनता जा रहा है। दूरदर्शन पर अनेक प्रकार के शैक्षिक तथा ज्ञानवर्धक कार्यक्रम भी प्रसारित किए जा रहे हैं। डिस्कवरी और नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ज्ञानवर्धक हैं। छात्र दूरदर्शन में केवल मनोरंजन की सामग्री ढूँढ़ते हैं। वे चलचित्र, टी०वी० सीरियल, खेलकूद या अन्य मनोरंजक प्रतियोगिताओं में रुचि लेते हैं। इससे उनका शरीर निष्क्रिय होता है। वे अस्वस्थ रहने लगते हैं। कारण कि वे खेलकूद का समय टी०वी० देखने में बिता देते हैं। छात्रों को मनोरंजन करना चाहिए परंतु उसकी भी सीमा होनी चाहिए। टी॰वी॰ अपने लुभावने कार्यक्रमों से उस सीमा को तोड़ता है। छात्रों में चाहिए वे उसके लालच से बचें। पढ़ाई के समय टी०वी० न देखें, तभी टी०वी० उनके लिए सौभाग्य का दूत कहलाएगा।