अनुच्छेद लेखन – मोबाइल फोन : सुविधा या असुविधा
मोबाइल फोन : सुविधा या असुविधा
विज्ञान का एक और वरदान मोबाइल फोन आज हर व्यक्ति के जीवन का आवश्यक अंग बनता जा रहा है। हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि हम टेलीफोन को हाथ में लेकर भी घूम सकेंगे। आज यह सुविधा हमें आश्चर्यचकित करती है। दुनिया के किसी कोने में खड़े रहकर हम किसी से भी बात कर सकते हैं। अफसर से लेकर सड़क पर ठेला लेकर चलने वाला, सामान सिर पर लेकर चलने वाला कुली, हर कोई आज इस सुविधा का फ़ायदा उठा रहा है। बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक हर कोई मोबाइल फोन के जरिए अपने लोगों से सहज ही जुड़ा रहता है। घर देर से पहुँचना है, सड़क पर गाड़ी खराब हो गई है, कोई मित्र समय पर मिलने नहीं आ पा रहा है, अचानक कोई बीमार हो गया है, किसी भी तरह की परेशानी में मोबाइल फोन साथी के रूप में सदैव साथ रहता है। मोबाइल फोन हर उस व्यक्ति के साथ है, जो अपने आप को अकेला समझता है। आप अपने लोगों से बड़ी ही कम कीमत पर जितना मन चाहे उतनी बातें आज कर सकते हैं। केवल बात करने की सुविधा ही नहीं, इस फोन से अन्य ढेरों सुविधाएँ प्राप्त हैं। घड़ी, कैलेंडर, अलार्म, तरह-तरह के गेम, फोन बुक, समाचार, चुटकुले, सभी तरह के संदेश सहज रूप से आप तक पहुँच सकते हैं। आज आप अपने सभी बिलों का भुगतान इससे पल भर में कर सकते हैं। अपने लिए रेल या हवाई जहाज़ की टिकट खरीद सकते हैं। मोबाइल फोन की एस०एम०एस० सुविधा आज सबसे सस्ती और सबसे तेज़ है। जहाँ इस सुविधा से लोगों को अपार फ़ायदा होता है, वहीं लोग इसका दुरुपयोग भी करते हैं। मोबाइल फोन पर कार चलाते समय बात करने वाले लोग स्वयं अपनी जान तो जोखिम में डालते हैं, साथ ही दूसरों के लिए ख़तरा बन जाते हैं। आज मोबाइल फोन की स्थिति भी वही है। यदि इसका उपयोग सही रूप में किया गया तो यह हम सभी के लिए वरदान स्वरूप सिद्ध होगा और दुरुपयोग करने पर अभिशाप ।