CBSEClass 9 HindiEducationअनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुच्छेद लेखन : बेरोज़गारी


वर्तमान समय में भारत में अनेक समस्याएँ अपना फन फैलाए खड़ी हैं, उनमें से एक है- बेरोज़गारी की समस्या। यह समस्या राष्ट्र के मस्तक पर कलंक का टीका है। देश की गिरती आर्थिक स्थिति का प्रतीक, सामाजिक अवनति व बढ़ती अराजकता का चिह्न है। जब काम की कमी और करनेवालों की अधिकता हो तब बेकारी की समस्या होती है। एक पद की पूर्ति के लिए सैकड़ों प्रार्थी पंक्तिबद्ध खड़े हो जाते हैं। क्यों? क्योंकि वे बेकार हैं। अनार एक है, बीमार सौ हैं। किसको दें?

बेरोज़गारी का सबसे प्रमुख एवं पहला कारण है देश की बढ़ती हुई जनसंख्या। जिस अनुपात में जनसंख्या बढ़ रही है, उस अनुपात में रोज़गार के साधन नहीं बढ़ रहे हैं।

बेकारी का दूसरा बड़ा कारण है नौकरी के लिए होड़। सीनियर सेकेंडरी तक की शिक्षा प्राप्त करके हर नवयुवक नौकरी की ओर भागता है, बाबूगिरी में ही जीवन का स्वर्ग देखता है। किसान का बेटा किसानी से मुँह मोड़ता है। कर्मकांडी पंडित का बेटा कर्मकांड को पाखंड मानता है। इसका मूल कारण वर्तमान शिक्षा-प्रणाली है।

बेकारी का तीसरा कारण है देश की ग़लत औद्योगिक योजना।

बेकारी का चौथा कारण है – सरकार की ओर से घरेलू उ‌द्योग-धंधों के प्रोत्साहन का अभाव। बड़े उ‌द्योगों के लिए आसानी से बैंक कर्ज देते हैं किंतु लघु उ‌द्योगों के लिए तंग करके कर्ज देते हैं। भारत सरकार ‘गरीबी हटाओ’ का नारा लगाती है। गरीबों के लिए मगरमच्छ के आँसू बहाती है, उ‌द्योगपतियों को दोष देती है, किंतु आचरण इनके विपरीत करती है। वह बोती बबूल के पेड़ है और इच्छा आमों की करती है।

देश की बेकारी दूर करने के लिए दूरदर्शिता से काम लेना होगा।

इसके लिए सर्वप्रथम परिवार नियोजन करना होगा।

दूसरा- लघु उद्योग-धंधे खोलने होंगे।

तीसरे शिक्षित युवकों को शारीरिक श्रम का महत्त्व समझाना होगा।

चौथा- शिक्षा का व्यवसायीकरण करना होगा, जिससे युवकों को किसी विशेष कार्य में दक्षता मिले।

पाँचवाँ उ‌द्योग राष्ट्र की प्रगति के प्रतीक होते हैं। अतः उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करनी होगी। रोजगार के साधन बढ़ाने होंगे। किसानों को कुटीर उद्योगों तथा घरेलू धंधों में व्यस्त किया जाए तो बेरोज़गारी दूर होगी और देश में समृद्धि आएगी। इन सब समाधानों से देश को बेरोजगारी की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।