अनुच्छेद लेखन : बढ़ती हुई महंगाई


कमरतोड़ महँगाई / बढ़ती महँगाई आज की प्रमुख समस्या


आज देश की सामान्य जनता के सामने सबसे बड़ी समस्या महँगाई है। समाज का प्रत्येक वर्ग इस से प्रभावित है। जीवन की प्राथमिक आवश्यकताओं भोजन, आवास एवं वस्त्र की पूर्ति में ही मनुष्य बेबस हो रहा है। हालाँकि देश में अन्न, फल और सब्जियों का उत्पादन आवश्यकता से अधिक हो रहा है फिर भी बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हुए हैं। साधारण कपड़े की कीमत भी सौ से डेढ़ सौ रुपए मीटर हो गई है। कागज पुस्तकों के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। मकानों के किराए में बढ़ोत्तरी से भी मनुष्य का रहना मुश्किल हो गया है। दिन-प्रतिदिन पेट्रोल और गैस के दामों में होने वाली वृद्धि ने तो आम आदमी की कमर ही तोड़ दी है। इसका प्रमुख कारण है-देश में व्याप्त भ्रष्टाचार मुनाफाखोर व्यापारी वस्तुओं को जमा करके समय आने पर अधिक मूल्य पर बेचते हैं। इससे अधिक उत्पादन होने के बाद भी वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी महँगाई बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। देश में उपलब्ध साधन जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात में कम हैं। राष्ट्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में तेजी से वृद्धि करना महँगाई कम करने का एक कारगर उपाय हो सकता है। उत्पादन बढ़ेगा तो वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धि के परिणामस्वरूप कीमतें कम होंगी और महँगाई भी कम साथ ही जमाखोरी, मुनाफाखोरी अर्थात भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना महँगाई रोकने में सहायक सिद्ध होगा। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए देश में जागरूकता उत्पन्न करनी होगी। सरकारी तथा निजी दोनों स्तरों पर इसके लिए प्रयत्न करने होंगे। सरकार स्वयं जीवन उपयोगी वस्तुओं जैसे – अनाज, चावल, चीनी, तेल आदि के दामों पर नियन्त्रण कर के भी महँगाई को रोक सकती है। जरूरत की चीजों के दाम कम होने चाहिए। जब घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तभी देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।