CBSEEducationPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुच्छेद लेखन : बढ़ती जनसंख्या का भयावह रूप


वर्तमान समय में प्रगतिशील भारत के सामने जो समस्याएँ सुरसा के मुँह की तरह मुँह खोले खड़ी हैं, उनमें बढ़ती जनसंख्या की समस्या एक विकराल समस्या है। अन्य समस्याएँ; जैसे-आतंकवाद, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी आदि। इन सभी समस्याओं में जनसंख्या की समस्या काफी जटिल है। अनेक प्रश्नों के बाद भी इसका समाधान नहीं दिखाई देता। भारत की आबादी 130 करोड़ का आँकड़ा पार कर चुकी है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के अनेक कारण हैं।

पहला कारण है-अनपढ़ता।

दूसरा कारण है-अंधविश्वास।

अधिकतर लोग बच्चों को भगवान की देन मानकर परिवार नियोजन को अपनाना नहीं चाहते। परिवार को फलता-फूलता देखना कोई बुरी बात नहीं है किंतु जिस प्रकार कोई माली यदि अपनी वाटिका की देख-रेख करने में असमर्थ नहीं है तो व्यर्थ ही सूखने और सड़ने के लिए उनमें नए-नए पौधे लगाते जाना उसकी मूर्खता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रदूषण की गंभीर समस्या आज हमारे सामने खड़ी है। कृषि योग्य भूमि का विनाश हो रहा है। बेकारी बढ़ रही है। लूट, हत्या, अपहरण जैसी वारदातों को बढ़ावा मिल रहा है। जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना अनिवार्य है। जनसंचार के माध्यम से परिवार नियोजन का प्रचार किया जा रहा है। अतः यह कथन सत्य प्रतीत होता है कि “जनसंख्या की समस्या का समाधान कानून द्वारा नहीं बल्कि जनजागरण तथा शिक्षा द्वारा ही संभव है।”


बढ़ती जनसंख्या