अनुच्छेद लेखन : देश निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका


देश निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका


किसी भी देश के युवा उस राष्ट्र की अनमोल पूँजी होते हैं। वे देश का भविष्य, उसके निर्माण का आधार होते हैं। विश्व की लगभग 25 प्रतिशत आबादी युवा है। युवा वर्ग राष्ट्र विकास के प्रत्येक क्षेत्र में उसका प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होता है, अतः राष्ट्र के भविष्य निर्माण में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। युवावस्था मानव जीवन की चरम ऊर्जावान और उत्साह से परिपूर्ण अवस्था होती है। अगर युवाओं की क्षमताओं का उचित दिशा में उपयोग किया जाए तो वे तेजी से प्रगति करते हैं। ऐसे में किसी भी राष्ट्र को अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है। अतः यह परम आवश्यक है कि हमारे देश के युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता, उत्साह और दृढ़ संकल्प को उचित मार्ग दर्शन और दिशा मिले। युवा शिक्षित हों, साथ ही उन्हें रोजगार, सशक्तिकरण और विकास के समान अवसर प्राप्त हों। शिक्षा प्राप्ति के पश्चात रोजगार न मिलने से कई बार कुछ युवा आपराधिक प्रवृत्तियों में संलग्न हो जाते हैं। युवाओं का भी यह कर्त्तव्य है कि वे ईमानदार, परिश्रमी और कर्त्तव्यनिष्ठ हों तथा अपनी प्रतिभा का उपयोग राष्ट्र-निर्माण के कार्यों में करें। यदि युवाओं की शक्ति का उपयोग बुद्धिमानी से किया जाए तो वे राष्ट्र को प्रगति के उच्चतम शिखर तक ले जा सकते हैं।