अनुच्छेद लेखन : कोरोना काल और ऑनलाइन पढ़ाई
कोरोना काल और ऑनलाइन पढ़ाई
वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 को देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया।
ऐसे में विद्यार्थियों के लिए शिक्षा प्राप्ति की अनिवार्यता और आवश्यकता को देखते हुए राज्यों की सरकारों द्वारा स्कूली शिक्षा को ऑनलाइन करने का प्रावधान शुरू किया गया। इसके लिए आवश्यक था कि शिक्षकों को इस नई तकनीक से जोड़कर अध्यापन कार्य में सक्षम बनाया जाए। इसके लिए एनजीओ फाउंडेशन और निजी क्षेत्र की तकनीकी शिक्षा कंपनियों को भी भागीदार बनाया गया। इन सब ने मिलकर शिक्षा प्रदान करने के लिए संवाद के सभी उपलब्ध माध्यमों जैसे टी.वी., डीटीएच चैनल, रेडियो प्रसारण व्हाट्सएप और एस एम् एस ग्रुप और प्रिंट मीडिया का भी सहारा लिया। कई संगठनों ने नए अकादमी वर्ष के लिए किताबें भी वितरित कर दीं। उस समय उच्च शिक्षा का क्षेत्र स्कूली शिक्षा की अपेक्षा में इन नई चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत कम तैयार था। कक्षाओं में सुचारू रूप से पढ़ाई के स्थान पर अचानक ऑनलाइन माध्यम से स्थानांतरित होने से शिक्षा प्रदान करने का स्वरूप बिल्कुल बदल गया। यद्यपि संरक्षण एवं सुरक्षा की दृष्टि से ऑनलाइन शिक्षण बहुत लाभकारी रहा। बच्चे अपने घर पर ही ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। किंतु ऑनलाइन शिक्षण में विद्यार्थियों को अध्यापकों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का मौका नहीं मिलता। मोबाइल, लैपटॉप और टेबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है। जिससे विद्यार्थियों का स्क्रीन टाइम बढ़ने से आँखों पर विपरीत असर पड़ रहा है। इस शिक्षण प्रणाली के सुचारू रूप से कार्यान्वयन में निम्न आर्थिक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए मोबाइल की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती है। जहाँ माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते थे वहीं ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों को मोबाइल ही दिया जा रहा है। ऐसे में माता-पिता भी दुविधा में हैं। बच्चों को पढ़ाना भी जरूरी है लेकिन साथ ही उनकी सेहत भी अपनी जगह महत्वपूर्ण है। बच्चा इसको कितना समझ पा रहा हैं यह देखना भी आवश्यक है। लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से मोबाइल गर्म हो जाते हैं और ऐसे में दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। किंतु वर्तमान में बार-बार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जबकि लगभग पिछले 2 वर्षों से विद्यार्थी विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं ऐसे में ऑनलाइन शिक्षण शिक्षा प्राप्त करने का एक उचित और सशक्त माध्यम बन गया है।
नोट : उपरोक्त अनुच्छेद उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप लिखा गया है, आप अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं।