अनुच्छेद लेखन : कंप्यूटर
विज्ञान के इस युग में अनेक मशीनों का आविष्कार हुआ है, जिन्होंने संपूर्ण विश्व को दाँतों तले उंगली दबाने को विवश कर दिया है। कंप्यूटर उन्हीं में से एक है। यह तो विज्ञान की वह आधुनिकतम देन है जो किसी अलादीन के चिराग से कम नहीं। पलक झपकते ही गणित के लंबी-चौड़ी गुत्थियाँ सुलझा देना, स्कूल-बोर्ड के लाखों परीक्षार्थियों का लेखा-जोखा रखना, उनका परीक्षा परिणाम तैयार करना ही नहीं बल्कि मूल्यांकन भी करना कोई सरल कार्य नहीं है। कंप्यूटर को कृत्रिम मस्तिष्क कहा जाना कोई अतिशयोक्ति न होगी। आज इसके बिना हर क्षेत्र अधूरा है। इसका उपयोग कलपुर्जे बनाने, टिकटों का आरक्षण करने, डाक छाँटने, मौसम की जानकारी देने, बैंकों और दफ्तरों में हिसाब-किताब रखने आदि प्रत्येक क्षेत्र में किया जा रहा है। रोगी की चिकित्सा होते या उसका ऑपरेशन होते हम कंप्यूटर द्वारा प्रत्यक्ष देख सकते हैं। लंबे-चौड़े कार्यों की सूची व उनका डाटा बनाने का कार्य कंप्यूटर द्वारा सरल एवं संभव हो गया है। मनोरंजन के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने एक प्रकार की क्रांति को जन्म दिया है। कंप्यूटर तो आज के युग की जादू की छड़ी है। अब तो चुनाव में वोट कंप्यूटरों द्वारा डाले जाते हैं ताकि धाँधली का सवाल ही न उठे। कंप्यूटर पर इंटरनेट सर्विस आरंभ होना तो जैसे सोने पर सुहागे का काम कर रही है। घर बैठे हम न केवल मीलों दूर बैठे अपने सगे-संबंधियों से चैटिंग कर सकते हैं बल्कि उन्हें अपने रूबरू देख सकते हैं। कंप्यूटर के विविध भागों में सी०पी०यू० (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) तो इसका मस्तिष्क है। इसमें सही डाटा भर कर उसकी उचित प्रोग्रामिंग कर दो फिर उसका कमाल देखो। आज प्रत्येक व्यक्ति इसे सीखना चाहता है। इसके द्वारा अपना कार्य सरलतम करना चाहता है। प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर के प्रवेश ने समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए हैं। अच्छी-अच्छी कंपनियों में नौकरी पाना आसान हो गया है। वह समय अब दूर नहीं जब बच्चों को गृहकार्यों व बस्तों के बोझ से मुक्ति मिल जाएगी। संपूर्ण शिक्षा कंप्यूटरों पर ही आधारित होगी। और प्रत्येक कार्य आसान एवं रुचिकर लगने लगेगा। विज्ञान के इस चमत्कार को देखकर स्वयं सृष्टिकर्ता ब्रह्मा को भी चकित रह जाना पड़ेगा। कंप्यूटर में दिन-प्रतिदिन सुधार होते चले जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इसे पूर्णरूपेण अलादीन का चिराग बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।