अतीत में दबे पांव – सार


अतीत में दबे पांव – ओमथानवी


सिन्धु घाटी सभ्यता की ऐतिहासिकता से परिचित कराना।


अतीत में दबे पांव (सारांश)


लेखक ओमथानवी ने इस पाठ में पाकिस्तान में स्थित ऐतिहासिक मुअनजो-दड़ो और हड़प्पा नगरों का विस्तार से वर्णन किया है। टीलों, स्नानागार, मृदभण्डों, कुँओं-तालाबों, मुहानों व मार्गों से प्राप्त पुरातत्व में मानव संस्कृति की भावनात्मक घटना को खोज-खोजकर विस्तार से बताया है । सिन्धु सभ्यता के सबसे बड़े नगर मुअनजो-दड़ो की नगर योजना आज के सेक्टर मार्का कॉलोनी के नीरस नियोजन की अपेक्षा रचनात्मक थी। वह स्वयं के विकास का अवकाश छोड़ती थी। पुरातत्व के निष्प्राण पड़े अवशेषों से उस जमाने के आबाद घरों, लोगों तथा उनकी सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक गतिविधियों का पता चलता है। उसमें भव्यता थी पर आडम्बर नहीं। उसकी खूबी उसका सौन्दर्य बोध था, जो धर्मपोषित या राजपोषित न होकर समाजपोषित था।