आविष्कारों का रास्ता कल्पना, ज्ञान और अथक परिश्रम के मेल से ही खुलता है।
लोगों को लत होती है अपनी नकारात्मकता को उड़ेलने की। ऐसी स्थिति से निपटने या फिर उबरने के लिए हमें समझ का बख्तर चाक-चौबंद रखना चाहिए।
इस बात का सदैव स्मरण रखें कि हमारा मूल्य हमारे हुनर या पद-प्रतिष्ठा से नहीं, अपितु स्वयं के शुद्ध जीवन और चरित्र से होता है।
समझ के लिए सीख यह है कि लोगों की बातों से ख़ुद का मोल मत आंकिए। स्मरण रखें कि अपना मूल्य हमारे हुनर-पद-प्रतिष्ठा से नहीं, अपितु स्वयं के शुद्ध जीवन और चरित्र से है।
हृदय में जब स्वार्थ खत्म हो जाते हैं, तो वहीं से मनुष्यता का आरंभ होता है।
अगर आप अपने सपनों को नहीं जिएंगे, तो कोई और आपके जीवन को जी लेगा।
रचनात्मक लोग हर विषय में सुंदरता की तलाश कर लेते हैं।
अगर आप सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं, दूसरों के अधिकारों की परवाह नहीं करते तो अंततः आप हार जाएंगे।
एक परिस्थिति होती है, एक मन की स्थिति। परिस्थिति का मन की स्थिति पर असर नहीं होता, मन की स्थिति का परिस्थिति पर असर पड़ता है।
कई बार मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलते। फिर आप बार बार अपनी योजनाओं को बदलते हैं या अपने विचार बदलते हैं। इन बदलावों को अपनी हार का कारण नहीं मानना चाहिए।
किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना ही सबसे बड़ा जोखिम माना जाता है।
जब आप अधिक से अधिक लोगों के विचारों को और उनके दृष्टिकोण को समझने लगते हैं तो आप सबसे ज्यादा ग्रो करते हैं।
कभी-कभी दर्द को कम आंकना चाहिए, ताकि बेहतर काम कर सकें।
सफ़लता के लिए कभी देर नहीं होती, मायने यह रखता है कि आप शुरुआत कब करते हैं।
आप वास्तव में तब सीखते हैं, जब आपको कठिन समझौते करने पड़ते हैं।