हृदय में स्वार्थ


  • आविष्कारों का रास्ता कल्पना, ज्ञान और अथक परिश्रम के मेल से ही खुलता है।
  • लोगों को लत होती है अपनी नकारात्मकता को उड़ेलने की। ऐसी स्थिति से निपटने या फिर उबरने के लिए हमें समझ का बख्तर चाक-चौबंद रखना चाहिए।
  • इस बात का सदैव स्मरण रखें कि हमारा मूल्य हमारे हुनर या पद-प्रतिष्ठा से नहीं, अपितु स्वयं के शुद्ध जीवन और चरित्र से होता है।
  • समझ के लिए सीख यह है कि लोगों की बातों से ख़ुद का मोल मत आंकिए। स्मरण रखें कि अपना मूल्य हमारे हुनर-पद-प्रतिष्ठा से नहीं, अपितु स्वयं के शुद्ध जीवन और चरित्र से है।
  • हृदय में जब स्वार्थ खत्म हो जाते हैं, तो वहीं से मनुष्यता का आरंभ होता है।
  • अगर आप अपने सपनों को नहीं जिएंगे, तो कोई और आपके जीवन को जी लेगा।
  • रचनात्मक लोग हर विषय में सुंदरता की तलाश कर लेते हैं।
  • अगर आप सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं, दूसरों के अधिकारों की परवाह नहीं करते तो अंततः आप हार जाएंगे।
  • एक परिस्थिति होती है, एक मन की स्थिति। परिस्थिति का मन की स्थिति पर असर नहीं होता, मन की स्थिति का परिस्थिति पर असर पड़ता है।
  • कई बार मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलते। फिर आप बार बार अपनी योजनाओं को बदलते हैं या अपने विचार बदलते हैं। इन बदलावों को अपनी हार का कारण नहीं मानना चाहिए।
  • किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना ही सबसे बड़ा जोखिम माना जाता है।
  • जब आप अधिक से अधिक लोगों के विचारों को और उनके दृष्टिकोण को समझने लगते हैं तो आप सबसे ज्यादा ग्रो करते हैं।
  • कभी-कभी दर्द को कम आंकना चाहिए, ताकि बेहतर काम कर सकें।
  • सफ़लता के लिए कभी देर नहीं होती, मायने यह रखता है कि आप शुरुआत कब करते हैं।
  • आप वास्तव में तब सीखते हैं, जब आपको कठिन समझौते करने पड़ते हैं।