हिंदी सुविचार (Hindi suvichar)


अगर हम उस पल का इंतजार करेंगे जब
एक-एक करके हर एक चीज तैयार होगी, तो
हम कभी शुरू ही नहीं कर पाएंगे।

• मुझे नहीं पता कि बुरे आदमी का दिल कैसा होता है, लेकिन मैं यह जानता हूं कि अच्छे आदमी का दिल कैसा होता है।

हम कीचड़ में बैठकर सितारों को छूने की बात करते हैं।

देर से मिलने वाली खुशी से ज्यादा बुरा कुछ नहीं हो सकता।

• खुद के लिए न कोई इच्छा, न उम्मीद। लेकिन दूसरों के लिए मन में दया भाव होना पूजनीय है।

प्रकृति मंदिर नहीं, कार्यशाला है। जहां मनुष्य कर्मकार है।

अनिर्णायक लोगों के लिए ही ‘कल’ जैसे शब्द की खोज की गई थी।

मैंने विचारों से नहीं, चरित्र से शुरुआत की है।

भूख केवल बीमारी से खत्म नहीं होती।

जो बीत गया वो सपना था। सपने कौन याद रखता है?

इवान तुर्गनेव