हिंदी कविता – तारे

तारे

नीले नभ के झिलमिल तारे,

लगते कितने प्यारे-प्यारे।

सुनता हूं है पास तुम्हारे,

बालक ध्रुव जो पूज्य हमारे।

सब कुछ है क्या वहां नहीं,

माखन, मिश्री, दूध, दहीं?

क्या वहां तुम्हारा भी भारत है,

जैसा यह मेरा भारत है।