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हिंदी कविता


आप अपने विश्वास जितने युवा हैं,

और अपने संशय जितने बूढ़े हैं।

आप उतने युवा हैं, जितनी आपकी इच्छाशक्ति है

आप उतने बूढ़े हैं, जितने आपके भय हैं।

आप अपनी उम्मीदों जितने युवा हैं

और अपनी हताशाओं जितने बूढ़े हैं।

लेकिन अगर उत्साह खो जाए, रीत जाए

तो आत्मा पर झुर्रियां आ जाती हैं….


19वीं सदी के अमेरिकी दार्शनिक सैम्युल अलमन की एक कविता का अनुवाद