रचनात्मक लेखन : त्योहारों पर बाज़ार की चहल-पहल
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त्योहारों पर बाज़ार की चहल-पहल
शहर में आजकल त्योहारों पर बाज़ार में चहल-पहल बढ़ गई है। दिवाली, धनतेरस, करवाचौथ इत्यादि के उपहार सभी बाज़ार पर निर्भर हो गए हैं। खासकर महिलाओं की बाज़ार में ज्यादा भीड़ होती है। दीवाली पर मिष्ठान को उपहार स्वरूप अपने परिजनों को दिया जाता है इसलिए मिष्ठान भण्डार पर भी काफी भीड़ जमा रहती है। सजावटी वस्तुओं में पारम्परिक दीया व मोमबत्ती के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक झालर, मोमबत्ती की दुकानों पर बाज़ार में चहल-पहल बनी रहती है। रक्षा बन्धन के दिन भी बाज़ारों में काफी भीड़ जमा होती है। बाज़ार में कई तरह की आकर्षक राखियाँ भी उपलब्ध रहती हैं। रक्षाबंधन पर बहनों द्वारा भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बाँध उनकी सलामती की दुआ करने की परम्परा सदियों पुरानी है।