CBSEEducationPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

रचनात्मक लेखन : खिड़की से बाहर का दृश्य


अनुच्छेद लेखन/ रचनात्मक लेखन/ जनसंचार लेखन/ सृजनात्मक लेखन


खिड़की से बाहर का दृश्य


मेरी खिड़की के बाहर एक नींबू का पेड़ है, वह पेड़ बहुत घना है। उस पेड़ पर हमेशा नींबू (फल) लदे रहते हैं। कभी हरे नींबू, छोटे-छोटे नीबू या फिर बड़े-बड़े पीले-पीले नींबू। मेरे परिवार के अतिरिक्त पूरे मोहल्ले के लोग उस पेड़ के नींबू प्रयोग करते हैं, किंतु फिर भी उस पर नींबू लगे ही रहते हैं। मुझे यह सोचकर बहुत अच्छा लगता है कि मेरे जन्मोत्सव पर मेरे पूज्य बाबाजी ने वह पेड़ लगाया था ।

गर्मियों के दिनों में कोई बाहर नहीं निकलता। गर्मी, धूप और गर्म हवाओं के कारण जब लोग घर के अंदर ए.सी., कूलर में बैठे रहते हैं, नींबू के पेड़ पर सैकड़ों चिड़ियों का मेला लगा होता है। जब से मैंने पेड़ के नीचे एक बर्तन में दाना और दूसरे बर्तन में पानी रखना शुरू किया है तब से चिड़ियों की संख्या और अधिक बढ़ गई है। चिड़ियाँ अपने मित्रों के साथ वहाँ बैठकर खूब गप्पें लगाती हैं। कुछ चिड़ियों ने आस-पास के कोटरों में अपने घोंसले बनाए हुए हैं। दोपहर में वे निर्भीक होकर बच्चों सहित नींबू के पेड़ पर आ धमकती हैं। वहीं पर उनके बच्चे इस डाली से उस डाली पर फुदक-फुदक कर उड़ना सीखते हैं। कुछ चिड़ियाँ एक-दूसरे के गले से लगकर बैठी होती हैं तो कुछ प्रणय-लीलाओं और गाथाओं में व्यस्त रहती हैं। 48 डिग्री तापमान में भी मेरे कमरे की खिड़की के बाहर चिड़ियाँ चहचहाती रहती हैं। कभी-कभी अगर मैं दाना-पानी रखना भूल जाता हूँ तो अनेक चिड़ियाँ मेरी खिड़की पर आकर बैठ जाती हैं। ऐसा लगता है जैसे कह रही हों-हमें दाना दो, पानी दो। अगर कभी कोई साँप या बिल्ली पेड़ के आस-पास भी दिख जाती है तो सब मिलकर बड़े ज़ोर से शोर मचाकर घर वालों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। फिर कोई-न-कोई वहाँ पर जाकर उनकी समस्या सुलझा देता है।

एक दिन मैं अपने कमरे की खिड़की बंद करना भूल गया और स्कूल चला गया, मैंने स्कूल से लौटकर देखा कि अनेक चिड़ियाँ मेरे कमरे में घुस आई थीं कुछ टेबल पर, कुछ पंखे पर और कुछ फर्श पर बैठकर बातें कर रही थीं। मुझे देखते ही सब फुर्र से उड़ गईं और नींबू के पेड़ पर जा बैठीं। लेकिन उस दिन के बाद से चिडियाँ मेरे होते हुए भी मेरे कक्ष में आने लगीं, मैंने उन्हें आने से नहीं रोका, क्योंकि उनको पास से देखना, उनका मेरे पास आना, मुझसे न डरना, मुझे अच्छा लगता है किंतु स्कूल जाते समय चारों तरफ़ अच्छी प्रकार देखकर, कमरे की खिड़की बंद करना अब मैं कभी नहीं भूलता, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि कोई चिड़िया गलती से कमरे में बंद रह जाए, फिर डरकर मेरे पास आना छोड़ दे। मेरी खिड़की के बाहर का दृश्य बहुत मनोरम है।