बाल गीत – पौधा
पौधा
मैं पौधा हूं, नव उपवन का,
कोमल तन का कोमल मन का।
मुझसे है मधुमास बहार,
मुझसे है सावन की फुहार।
मुझको पत्थर से मत मारो,
जल से सींचो और दुलारो।
फूल और फल तुमको दूंगा,
दूषित वायु स्वच्छ कर दूंगा।
मैं पौधा हूं, नव उपवन का,
कोमल तन का कोमल मन का।
मुझसे है मधुमास बहार,
मुझसे है सावन की फुहार।
मुझको पत्थर से मत मारो,
जल से सींचो और दुलारो।
फूल और फल तुमको दूंगा,
दूषित वायु स्वच्छ कर दूंगा।