फादर कामिल बुल्के


प्रश्न. ‘फादर कामिल बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से नहीं।’ लेखक के इस कथन के आधार पर सिद्ध कीजिए कि फादर का जीवन परम्परागत संन्यासियों से किस प्रकार अलग था?

उत्तर : लेखक के अनुसार फादर कामिल बुल्के केवल संकल्प के संन्यासी थे मन से नहीं। संन्यासी के परंपरागत स्वरूप में मोह त्याग कर समाज से पलायन कर जाने की प्रवृत्ति होती है किंतु फादर में एक सच्चे संन्यासी के समान मानवीय गुणों का समावेश था। वे परोपकारी थे। उन्होंने परंपरागत संन्यासी से अलग एक नई परंपरा की स्थापना की। उन्होंने आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से कॉलेज में अध्ययन एवं अध्यापन कार्य किया। अपने सभी प्रिय जनों के प्रति उनके मन में मोह, प्रेम और अपनत्व का भाव था। वे सभी के घर समय-समय पर आते-जाते और संकट के समय उनके प्रति सहानुभूति रखकर उन्हें ढांढस बँधाते थे।