प्रश्न . ‘द्रौपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।’ इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘द्रौपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।’ इस कथन का भाव यह है कि द्रौपदी की लाज बचाने के लिए कृष्ण ने कौरवों की सभा में द्रौपदी चीर – हरण के समय द्रौपदी का चीर बढ़ाया था।
इस पद में हरि से अपनी पीड़ा को हरने की विनती करती हुई मीरा चाहती है कि उसी प्रकार अपनी इसी मर्यादा के अनुरूप ही हरि उनकी पीड़ा का भी हरण कर लें।