निबंध लेखन : कंप्यूटर का प्रयोग एवं महत्त्व
कंप्यूटर का प्रयोग एवं महत्त्व
प्रस्तावना – आज का युग कंप्यूटर का युग है। मानव अपने हर कार्य को कंप्यूटर के सुपुर्द करता जा रहा है। यह ऐसे जटिल कार्यों को कुछ सैकंडों में ही कर लेता है, जिन्हें मानव कई दिनों में भी नहीं कर सकता था। अतः इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर इस शताब्दी के सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है।
कंप्यूटर का विकास – कंप्यूटर के विकास का कार्य कई सदियों से चला आ रहा है और आज भी वैज्ञानिक इससे ऐसे कार्य लेने की कोशिश में हैं, जो मानव के बूते के बाहर हैं। विश्व के सबसे पहले कंप्यूटर को बनाने का श्रेय फ्रांस के एक वैज्ञानिक ब्लेज पॉस्कल को दिया जा सकता है, जिसने सन् 1642 में एक ऐसा गणना यंत्र बनाया था, जिससे जोड़ने-घटाने का कार्य लिया जा सकता था। सन् 1680 में जर्मनी के एक वैज्ञानिक विलियम लाइबनिट्ज ने ऐसे यंत्र का आविष्कार किया, जिसके द्वारा जोड़, बाकी, गुणा, भाग और वर्गमूल तक हल कर लिए जाते थे। सन् 1801 में इसी गणना यंत्र के आधार पर फ्रांस का एक वैज्ञानिक जोजेफ एम० जाकवार्ड कपड़ा बुनने का करघा यंत्र बनाने में सफल हुआ। अमेरिका के वैज्ञानिक डॉ० हर्मन हालरीक गणना करने की एक नई पद्धति को विकसित करने में सफल हुए। यह पद्धति कार्डों में छिद्र करके गणना करने पर आधारित थी। यह छिद्रित कार्ड पद्धति कंप्यूटर में सूचना पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण साबित हुई, इसलिए कंप्यूटर में अति आधुनिक तकनीक का उपयोग होते हुए भी आज छिद्रित कार्ड पद्धति के सिद्धांत का ही उपयोग हो रहा है। आज कंप्यूटर को अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी, हालैंड, स्वीडन, ब्रिटेन आदि में मानव मस्तिष्क का दर्जा मिल चुका है। हमारे देश भारत में भी कंप्यूटर विज्ञान का तेजी से विकास हो रहा है और हर क्षेत्र में इसकी सहायता लेकर कार्यक्षमता को बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश में पहला कंप्यूटर संभवतः 1961 में आया था। इस समय हमारे देश में इनकी संख्या लाखों में पहुँच गई है।
कंप्यूटर का उपयोग – अपने जन्म से अब तक कंप्यूटर निरंतर प्रगति करता जा रहा। सन् 1950 में इसका स्वरूप अत्यंत में साधारण और सामान्य था; किंतु आज कंप्यूटर पहले कंप्यूटरों से सहस्र गुना अधिक शक्तिशाली और सक्षम है। इसमें स्मृति एवं चेतन दोनों ही क्रियाएँ हैं। उपयोग की दृष्टि से कंप्यूटर दो प्रकार के हैं। एक तो वे, जिन्हें विशेष, बड़े और महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाना होता है, जैसे अंतरिक्ष कार्यक्रम, मौसम, विज्ञान, इलेक्ट्रोनिक, युद्ध प्रणाली, परमाणु बिजलीघरों का संचालन, प्रयोगशाला, अनुसंधान, चिकित्सा और वायुनिकी कंप्यूटर। किंतु कुछ कंप्यूटर साधारण आँकड़ा संग्रह और विश्लेषण के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, जैसे बैंकों, विश्वविद्यालयों, छोटी प्रयोगशालाओं, डिपार्टमेंटल स्टोर, घरेलू कंप्यूटर, कार कंप्यूटर, रेल या वायुयान के आरक्षण के लिए, परीक्षा परिणाम निकालने वाला कंप्यूटर आदि।
इसके अलावा चित्रकार कंप्यूटर और छपाई वाले कंप्यूटर भी होते हैं। चित्रकार कंप्यूटर के द्वारा चित्र और ग्राफ – नक्शे आदि बनाए जाते हैं। छपाई वाले कंप्यूटरों की मदद से आजकल समाचारपत्र, पत्रिकाएँ और पुस्तकों की छपाई का कार्य किया जा रहा है। कंप्यूटर विधि से छपाई शुद्ध और साफ होती है। अशुद्धियाँ भी नहीं होती हैं और आसानी से पढ़ा भी जाता है।
कंप्यूटर का अन्य क्षेत्रों में महत्त्व – आज के युग में रोगों का पता लगाने और उनके उपचार के लिए कंप्यूटर से चलने वाला ‘टोमोग्राफ’ सबसे अच्छा यंत्र है। उपभोक्ता वस्तुओं के डिज़ाइन तैयार करने में पश्चिमी देश कंप्यूटर का काफी प्रयोग कर रहे हैं। भवनों, बांधों, पुलों, मोटरगाड़ियों और विमानों के निर्माण में पहले उनके डिज़ाईन की परीक्षा हर दृष्टि से कर ली जाती है। इसके लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। नए डिज़ाईन तैयार करने में काम आने वाली वह विधि ‘कंप्यूटर ग्राफिक्स’ कहलाती है। इसके द्वारा किसी वस्तु का तीन आयामी रेखाचित्र अथवा चित्र बनाकर बढ़िया नमूना तैयार किया जाता है। आजकल कपड़ा मिलों में छपाई के डिजायन भी इससे बनने लगे हैं। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने और खेल स्पर्धाओं का संचालन करने के लिए भी इसका प्रयोग हो रहा है। यह ‘बायोमैकेनिक्स विधि’ कहलाती है। सोवियत संघ, पश्चिमी यूरोप के देशों और अमेरिका में खिलाड़ियों को विगत एक दशक से कंप्यूटर से ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया से एक तो सही खिलाड़ी की पहचान हो सकती है और दूसरे प्रशिक्षण शत-प्रतिशत शरीर की विशेषताओं को ध्यान में रखकर दिया जा सकता है।
उपसंहार – आज का युग हर तरह से कंप्यूटर के अधीन हो गया है। कलपुर्जे बनाने, डाक-छंटनी करने, रेलमार्ग वितरण और टिकट वितरण, शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान, परिवहन व्यवस्था, विमान परिवहन, चिकित्सा और व्यापार आदि सभी क्षेत्रों में यह प्रगति पर है। अब कंप्यूटरी मानव भी बनने लगे हैं जिनके शरीर के सभी अंगों के अलावा मशीनी बुद्धि भी होती है। इसके द्वारा वह अनेक बातों को स्मरण करने में सक्षम रहता है। यह हर प्रकार के काम कर सकता है। ऐसा लगने लगा है कि वह दिन दूर नहीं, जब कंप्यूटर का यह मशीनी मानव दुकानों और दफ्तरों में काम करता दिखाई देगा। आज के युग में कंप्यूटर की प्रगति सराहनीय है।