नवाब साहब और लेखक (लखनवी अंदाज)
प्रश्न. नवाब साहब का कैसा भाव परिवर्तन लेखक को अच्छा नहीं लगा और क्यों?
उत्तर : लेखक को डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब ने असंतोष, संकोच तथा बेरुखी दिखाई, लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें अभिवादन कर खीरा खाने के लिए आमंत्रित किया। लेखक को नवाब साहब का भाव परिवर्तन अच्छा नहीं लगा क्योंकि अभिवादन सदा मिलते समय होता है। पहले अनदेखा करना और थोड़ी देर बाद अभिवादन, औचित्यहीन है। लेखक को लगा नवाब साहब शराफत का भ्रमजाल बनाए रखने के लिए उन्हें मामूली व्यक्ति की हरकत में लथेड़ लेना चाहते हैं।