दो मुठ्ठी ठंड

दिल्ली में बहुत ठंड थी। लोग ठंड से कांप रहे थे। वे बाहर जाते समय ऊनी कपड़े पहन कर जाते थे।

एक शाम, सम्राट अकबर और बीरबल भेष बदल कर शहर में घूम रहे थे। अचानक, बादशाह ने बीरबल से पूछा, “आज कितनी ठंड है?”
बीरबल को आश्चर्य हुआ। उस समय, तापमान को मापने के लिए किसी भी उपकरण का आविष्कार नहीं किया गया था। बीरबल ने सोचा कि सम्राट को क्या जवाब दिया जाए।
अचानक बीरबल की नजर सड़क किनारे बैठे एक बूढ़े व्यक्ति पर पड़ी। वह अत्यधिक ठंड के कारण दोनों मुठ्ठियों को भींच कर बैठा था। उसने जल्दी से कहा, “महाराज, आज दो मुट्ठी ठंड है।”
उत्तर सुनकर बादशाह को आश्चर्य हुआ। उन्होंने पूछा, “आप ऐसा कैसे कह सकते हैं?”
बीरबल ने उस बूढ़े व्यक्ति की ओर इशारा किया जो ठंड के कारण अपनी दोनों मुट्ठियों को भींच कर बैठा था। बादशाह ने बीरबल को देखा और मुस्कुरा दिए।

बीरबल की हाज़िर जवाबी एवं बुद्धिमत्ता के हज़ारों किस्से मशहूर हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी काम कर जाते हैं।