दुःख का अधिकार : पाठ के शब्दार्थ
दुःख का अधिकार : यशपाल
पोशाक : पहनावा।
श्रेणी : विभाजन।
दर्जा : स्थान।
अनुभूति : अनुभव, संवेदना।
डलिया : टोकरी।
अधेड़ : ढलती उम्र का।
व्यथा : पीड़ा।
व्यवधान : रुकावट।
बेहया : बेशर्म ।
नीयत : इरादा।
बरकत : वृद्धि।
खसम : पति।
लुगाई : पत्नी।
परचून की दुकान : आटा, चावल, दाल आदि की दुकान।
सूतक : परिवार में किसी बच्चे के जन्म होने या किसी के मरने पर कुछ निश्चित समय तक की अपवित्रता।
कछियारी : खेतों में तरकारियाँ बोना।
निर्वाह : गुजारा।
मुँह-अँधेरे : सुबह-सुबह, भोर का समय।
मेंड़ : खेत के चारों ओर का घेरा।
तरावट : गीलापन।
ओझा : झाड़-फूंक करनेवाला।
दान-दक्षिणा : दान में दिया जानेवाला धन।
बजाज : कपड़े का व्यापारी।
छन्नी-ककना : मामूली गहना।
चूनी-भूसी : पशुओं को खिलाने का चारा।
बिलबिलाना : तड़पना।
दुअन्नी-चवन्नी : दो-चार आने।
संभ्रांत : उच्च वर्ग से संबंधित।
मूर्छा : बेहोशी।
द्रवित : पसीजा हुआ।
नाक ऊपर उठाना : सम्मान की रक्षा करना।
गम मनाना : मृत्यु का दुःख प्रकट करना।
सहूलियत : सुविधा।
अधिकार : हक।