सफ़लता की राह पर किसी सार्थक चीज की उपलब्धि में आपको बहुत सारी छोटी बाधाओं का अनुभव होगा। यह आपको सीमित करने वाले कदम हो सकते हैं, जिन्हें पहचानना बहुत जरूरी है।
साहस का अर्थ यह नहीं है कि डर ही न हो। बल्कि यह है कि डर के बावजूद आगे बढ़ा जाए।
अनुभव आपको बताता है कि क्या करना है। आत्मविश्वास ऐसा करने की अनुमति देता है।
किस्मत अवसर देती है, पर उसे पहचानना और सफ़लता की सीढ़ी चढ़ना मेहनत पर निर्भर है।
अवसर तो मुश्किलों के बीच ही पाए जाते हैं।
डर सदैव अज्ञानता से पैदा होता है।
आप रातो-रात अपनी मंजिल नहीं बदल सकते, लेकिन दिशा जरूर बदल सकते हैं।
खुद पर विश्वास करना लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना को बढ़ाता है।
आग सोने की कसौटी है, विपत्ति सच्चे मनुष्य की कसौटी है।
अगर आपके पास काम करते रहने की दृढ़ता और इच्छाशक्ति है तो अपने आप हर बाधा से पार पा लेंगे।
आप उतार चढ़ाव को कैसे संभालते हैं, वही आपकी असली पहचान बनती है।
अपने आज के काम की पुराने काम से तुलना करें। अगर आपने पहले से बेहतर किया है तो इसका मतलब है कि आप धीरे धीरे स्टैंडर्ड बढ़ा रहे हैं।
सफ़लता के लिए खुद पर भरोसा, मेहनत, धैर्य और दृढ़ संकल्प जरूरी है।
अजनबियों पर आंख मूंद कर कभी विश्वास मत करो।
चैंपियंस तब तक खेलते रहते हैं, जब तक वे सही खेल नही खेल लेते।