गद्यांश
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
बचपन की मिठास और यौवन की मादकता हम सब चाहते हैं, पर बुढ़ापे के निविड़ अंधकार की भयावहता कोई नहीं चाहता। दुःख बड़ा हो या छोटा, अच्छा नहीं लगता, पर सहना पड़ता है। जीवन का यह एक ऐसा कटु सत्य है कि आज तक दुःख से कोई बचा नहीं। दुःख बिन बुलाए आ जाता है और सुख आग्रह करने पर भी रहता नहीं, चला जाता है। हम गए हुए सुख के लिए तरसते हैं, आए हुए दुःख से घबराकर बिलखते हैं और सुख पुनः आएगा, इस तृष्णा में जीते हैं। ऐसी दयनीय दशा है हमारी। सोचने की बात यह है कि दुःख वस्तुतः बुरा होता तो जीवन में आता क्यों ? हमारी दैनिक अनुभूति के अनुसार तो दुःख जीवन का अभिशाप मालूम होता है। इसलिए कि अब तक हमने केवल दुःख को भोगा है, इसका कभी सदुपयोग नहीं किया, अन्यथा जीवन में क्रान्ति आ गई होती। दुःख स्वयं में न तो प्रशंसनीय है और न निंदनीय है। यदि हम दुःख के प्रभाव से प्रभावित होकर सचेत होते हैं तो दुःख भी वरदान है। कामना-पूर्ति में सुख का और कामना आपूर्ति में दुःख का भास होता है। आया हुआ दुःख सुख में भी दुःख का दर्शन करा दे, तो यह दुःख का प्रभाव है। दुःख का प्रभाव हमें सुख-दुःख के बन्धन से मुक्त करता है। दुःख के प्रभाव से चेतना जागती है, जिससे दु:ख के कारण का पता चलता है। सुख के भोगी को दुःख भोगना ही पड़ता है। कामनापूर्ति को जीवन मान लेने पर कामना- -आपूर्ति का घोर संताप भोगना पड़ता है। सुख का भोगी दूसरों को दुःख देता है। जिस पर दुःख का प्रभाव हो जाता है, वह किसी को दुःख नहीं देता। वह तो पर-पीड़ा से करुणित ही होता है। दुःख से घबराकर हम करणीय एवं अकरणीय कर्म कर बैठते हैं, परिणाम में कई गुणा दुःख पाते हैं।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए
प्रश्न 1. जिस पर दुख का प्रभाव हो जाता है, वह किसी को दुःख न देकर क्या करता है?
(अ) दूसरों के दुख से सुखी होना
(ब) दूसरों ने दुःख से दुःखी होना
(स) दूसरों के सुख में दुखी होना
(द) दूसरों के सुख में सुखी होना
प्रश्न 2. जो व्यक्ति अपना सुख देकर दूसरों के दुख को अपनाता है, उसके जीवन में क्या बदलाव आता है?
(अ) ऐश्वर्य व माधुर्य
(ब) यौवन की मादकता
(स) बचपन की मिठास
(द) उपर्युक्त तीनों
प्रश्न 3. दुख से घबराकर हम क्या कर बैठते हैं?
(अ) करणीय कर्म
(ब) अकर्णीय कर्म
(स) (अ) व (ब) दोनों
(द) कई गुणा दुख पाना
प्रश्न 4. ‘कामना पूर्ति’ का अर्थ क्या है?
(अ) इच्छा पूर्ति
(ब) अनिच्छापूर्ति
(स) स्वार्थपूर्ति
(द) दुःखपूर्ति
प्रश्न 5. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक बताइए।
(अ) सुख का सदुपयोग
(ब) दुःख का सदुपयोग
(स) दुःख का दुरुपयोग
(द) दुःख का भोगी