गद्यांश
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
जितनी अनिच्छा से हम सलाह को स्वीकार करते हैं, उतनी अनिच्छा से किसी अन्य को नहीं। सलाह देने वालों के बारे में हम सोचते हैं कि वह हमारी समझ को अपमान की दृष्टि से देख रहा है अथवा हमें बच्चा या बुद्ध मानकर व्यवहार कर रहा है। हम उसे एक अव्यक्त सेंसर मानते हैं और ऐसे अवसरों पर हमारी भलाई के लिए जो उत्साह दिखाया जाता है, उसे हम एक पूर्व धारणा या धृष्टता मानते हैं। इसकी सच्चाई यह है कि जो सलाह देने का बहाना करता है; वह इसी कारण से हमारे ऊपर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करता है। इसके अतिरिक्त कोई और कारण नहीं हो सकता। किन्तु अपने से हमारी तुलना करते हुए, वह हमारे आचरण अथवा समझदारी में कोई दोष देखता है। इन कारणों से, सलाह को स्वीकार्य बनाने से कठिन कोई कला नहीं है और वास्तव में प्राचीन और आधुनिक दोनों युग के लेखकों ने इस कला में जितनी दक्षता प्राप्त की है, उसी आधार पर स्वयं को एक-दूसरे से अधिक विशिष्ट प्रमाणित किया है। इस कटु पक्ष को रोचक बनाने के कितने उपाय काम में लाए गए हैं? कुछ सर्वोत्तम शब्दों में अपनी शिक्षा हम तक पहुँचाते हैं, कुछ अत्यंत सुसंगत ढंग से, कुछ वाक्चातुर्य से और अन्य छोटे मुहावरों में।
पर मैं सोचता हूँ कि सलाह देने के विभिन्न उपायों में जो सबको अधिक प्रसन्नता देता है, वह गल्प है, वह चाहे किसी भी रूप में आए, यदि हम इस रूप में शिक्षा देने अथवा सलाह देने की बात सोचते हैं तो वह अन्य सबसे बेहतर है, क्योंकि सबसे कम झटका लगता है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए :-
प्रश्न 1. सलाह देने का सबसे बेहतर तरीका कौन-सा है?
(अ) गल्प
(ब) हीनता
(स) प्रसन्नता
(द) समझदारी
प्रश्न 2. हम किस कार्य में सर्वाधिक अनिच्छा दिखाते हैं?
(अ) सलाह देने में
(ब) किसी की सलाह स्वीकार करने में
(स) अव्यक्त सेंसर
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3. सलाह देने वाला एक बहाने से क्या प्रदर्शित करता है?
(अ) अपनी श्रेष्ठता
(ब) वाक् चातुर्य
(स) मूर्खता
(द) मनुष्यता
प्रश्न 4. व्यक्ति प्रायः अपनी भलाई के लिए अन्य व्यक्ति द्वारा दिखाए गए उत्साह को क्या मान बैठता है?
(अ) सज्जनता
(ब) धृष्टता
(स) श्रेष्ठता
(द) कर्मण्यता
प्रश्न 5. ‘धृष्ठता’ शब्द में मूल शब्द एवं प्रत्यय बताईये।
(अ) धृष्ठ + ता
(ब) धृष्ठ + ता
(स) धृष्ठ + ता
(द) धृष् + ठता