किसी को इतनी आजादी न दें……….
• शब्द मौन से ज्यादा कीमती न हों, तो चुप रहना ही बेहतर होता है।
• शरीर के बजाय अपनी आत्मा को सबल बनाइए।
• क्रोध की शुरुआत गलती से होती है और अंत प्रायश्चित से।
• अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट होकर आराम कीजिए। दूसरे आपके बारे में क्या बात करते हैं, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए।
• किसी को इतनी आजादी न दें कि वह आपसे ऐसा कोई काम करवा ले या कुछ बोलने को मजबूर कर दे, जो आपके लिए अच्छा नहीं है।
• ज्यादा शब्दों में थोड़ा कहने के बजाय कम शब्दों में ज्यादा बताने की कोशिश करें।
• हां और नहीं-ये दुनिया के सबसे पुराने और छोटे शब्द हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल के लिए ही हमें सबसे ज्यादा सोचना पड़ता है।
• अगर आप बच्चों को शिक्षित करेंगे तो वयस्कों को हिदायत नहीं देनी होगी।
• मनुष्य का जब तक खुद पर नियंत्रण न हो, तब तक वह स्वतंत्र नहीं हो सकता।
• बुद्धिमत्ता ही एकमात्र अनश्वर वस्तु है, शेष सब मरणधर्मा है।
जैक लंडन