काव्यांश
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए।
मैं भी अगर एक छोटा पंछी होता।
मैं भी अगर एक छोटा पंछी होता
तो बस्ती-बस्ती में फिरता रहता
सुंदर नद-नालों का यार होता
मस्ती में अपनी झूमता रहता। मैं भी अगर ……..
आदमी का गुण मुझ में न होता
ईर्ष्या की आग में न जलता होगा
स्वार्थ के युद्ध में न मरता-मारता
बंब- मिसाइल की वर्षा न करता। मैं भी अगर …..
आँख में दौलत का काजल न पुतला
शान के लिए पराया माल न हड़पता
हर मानव मेरा हित बंदु होता
रंग-रूप पर अपना गर्व न करता। मैं भी अगर….
तब सारा जग मेरा अपना होता
पासपोर्ट-वीजा कोई न खोजता
स्वच्छन्द वन-वन में घूमता होता
विश्व भर में मेरा अपना राज्य होता। मैं भी अगर…..
प्यार के गीत जन-जन को सुनाता
आवाज़ से अपनी सब को लुभाता
मानवता की वेदी पर सिर झुकाता
सागर-उर्मिल का झूला झुलाता
मैं भी अगर एक छोटा पंछी होता।
प्रश्न. पंछी के रूप में कवि की क्या अभिलाषा है?
प्रश्न. ‘आदमी का गुण मुझमें होता’- पंक्ति में निहितार्थ ‘गुण’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
प्रश्न . प्रस्तुत काव्यांश में कवि किसका समर्थक है?
प्रश्न. ‘स्वच्छन्द वन-वन में घूमता होता’ पंक्ति में आए ‘स्वच्छन्द’ शब्द का पर्यायवाची क्या है?
प्रश्न. ‘सागर-उर्मिल का झूला झुलाता है’ पंक्ति के रेखांकित अंश में कौन-सा अलंकार है?