काव्यांश / पद्यांश
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए-
हो जाए न पथ में रात कहीं
मंजिल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
बच्चे प्रत्याशा में होंगे
नीड़ों से झाँक रहे होंगे
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
प्रश्न. चिड़िया के बच्चे कहाँ से झाँक रहे हैं?
(क) छत से
(ख) अण्डों से
(ग) नीड़ों से
(घ) बिलों से
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) जीवन रूपी पथ में अँधेरा छाने के भय से कवि भयभीत है
(ख) जीवन रूपी पथ में अंधेरा छाने के भय से चिड़िया भयभीत है
(ग) जीवन रूपी पथ में अंधेरा छाने के भय से बच्चे भयभीत है
(घ) जीवन रूपी पथ में अंधेरा खाने के भय से राहगीर भयभीत है
प्रश्न. चिड़िया किसके बारे में सोच कर चंचल हो रही है?
(क) भोजन के
(ख) बच्चों के
(ग) मौसम के
(घ) दुश्मन के
प्रश्न. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : दिन जल्दी-जल्दी ढलता है में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
कारण (R) : जल्दी शब्द की आवृत्ति एक से अधिक बार होने और अर्थ एक समान रहने के कारण यहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं
(घ) कथन (A) गलत है, कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है
प्रश्न. इस काव्यांश के रचयिता कौन हैं?
(क) शमशेर बहादुर सिंह
(ख) कुँवर नारायण
(ग) रघुवीर सहाय
(घ)हरिवंश राय बच्चन