काव्यांश / अपठित पद्यांश


अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


छोड़ घोंसला बाहर आया,

डाली से डाली पर पहुँचा,

देखीं डालें, देखे पात,

देखीं कलियाँ देखे फूल,

और सुनी जो पत्ते हिलमिल,

ऊपर उठकर फुनगी जानी,

करते हैं आपस में बात,

नीचे झुककर जाना मूल,

माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

नहीं चुरुंगुन, तू भरमाया।

नहीं चुरुंगुन, तू भरमाया।


प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए।

) घोंसले

) डालियाँ

) कली

) पत्ता

प्रश्न 2. चुरुंगुन ने बाहर आकर क्या-क्या देखा?

प्रश्न 3. ‘नहीं चुरुंगुन, तू भरमाया’ कहने से कवि का क्या तात्पर्य है?

प्रश्न 4. उपर्युक्त पद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखिए।