कविता – भारत की अमिट कहानी


ऋषि-मुनियों, साधु-संतों को नमन,

उन्हें मेरा अभिनन्दन।

जिनके तप से तपी हुई है,

भारत की स्वर्णिम माटी।

जिनके श्रम से चली आ रही,

युग-युग से अविरल परिपारी।

सत्य, अहिंसा जिनके आभूषण,

करुणामय है जिनकी वाणी।

जिनके चरणों से है पावन,

भारत की यह अमिट कहानी।

फिर से बन जाए दीवानी दुनिया सारी,

आओ बनाएं भारत की ऐसी अमिट कहानी।