CBSEEducationNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)

कर चले हम फ़िदा/फिदा : लघु प्रश्न – उत्तर


प्रश्न. कवि ने कुर्बानियों की राह किसे कहा है?

उत्तर – कवि ने ‘कुर्बानियों की राह’ देश पर अपना सब कुछ बलिदान करने की परंपरा के लिए कहा है। कवि कहता है कि देश की रक्षा करते हुए सैनिकों द्वारा बनाई गई यह कुर्बानियों की राह कभी वीरान न हो और इस राह पर निरंतर सैनिकों के नए काफिले चलते रहें। कवि कुर्बानी की राह के द्वारा सैनिकों की शहादत के बारे में देशवासियों को बताना और उन्हें प्रेरित करना चाहता है।

प्रश्न 2. ‘कर चले हम फ़िदा’ गीत में कवि ने वीरों के प्राण छोड़ते समय का मार्मिक वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – प्राण छोड़ते समय वीर सैनिकों की साँसें थम रही थीं, नब्ज़ रुक रही थी लेकिन कदम बढ़ रहे थे। वे अपना सिर कटाकर भी देश का सिर ऊँचा रखना चाहते थे।

अथवा

उत्तर – कवि ने कहा है कि प्राण छोड़ते समय सैनिकों की साँस थमती गई और नसें जमती गई, फिर भी उन्होंने बढ़ते कदम की नहीं रोका | उनके सिर कटते गए, मगर उन्होंने हिमालय का सिर झुकने नहीं दिया। वे देश के लिए अपनी अंतिम सांस तक कठिन परिस्थितियों में संघर्ष करते रहे।

प्रश्न. सैनिक का जीवन कैसा होता है? ‘कर चले हम फ़िदा’ गीत के आधार पर बताइए।

उत्तर – सैनिक का जीवन साधारण लोगों के जीवन के विपरीत होता है। वह अपने लिए नहीं जीता, औरों के जीवन पर या जब उनकी आज़ादी पर बन आती है तब मुकाबले के लिए अपना सीना तान कर खड़ा हो जाता है। यह जानते हुए भी कि उस मुकाबले में औरों की जिंदगी और आज़ादी भले ही बची रहे, उसकी अपनी मौत की संभावना सबसे अधिक होती है।

प्रश्न. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।

छूने न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो।

उत्तरभाव – इस पंक्ति में कवि सैनिक के द्वारा हमें सम्बोधित करते हुए कह रहा है, हे साथियो! शत्रु देश का कोई भी सैनिक हमारी मातृभूमि में प्रवेश करके हमारी सीता रूपी भारतमाता को अपमानित न कर सके। इसलिए तुम स्वयं राम और लक्ष्मण के समान सीता रूपी मातृभूमि की रक्षा के लिए सजग हो जाओ और अपना बलिदान देकर भी इस पर कोई आँच न आने दो।

प्रश्न. हमें आज़ादी का क्या मूल्य चुकाना पड़ा? ‘कर चले हम फ़िदा’ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर – हमें आज़ादी प्राप्त करने के लिए अपने वीर सैनिकों को देश पर कुर्बान करना पड़ा। विदेशियों की चतुराई एवं चालाकी को न समझ पाने के कारण उनके धोखे को सहन करना पड़ा। अनेक बहनों ने अपने भाई तथा अनेक माताओं ने अपने लाल खोकर यह आज़ादी हासिल की, किन्तु इन सबसे हमने शत्रुओं की चतुराई एवं कपटता से सदैव सावधान रहने का पाठ पढ़ा।

प्रश्न. मानव जीवन में स्वतंत्रता का क्या महत्व है?

उत्तर – स्वतंत्रता प्रत्येक प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है। मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी गुलामी की बेड़ियाँ तोड़कर स्वतंत्र रहना चाहते हैं। स्वतंत्रता व्यक्ति के अस्तित्व की पहचान है। पराधीन व्यक्ति को तो सपने में भी सुख की प्राप्ति नहीं होती है। स्वतंत्र हवा में साँस लेने के लिए हमारे देश के वीरों ने संघर्ष कर अपने प्राण अर्पित कर दिए। प्रत्येक व्यक्ति को जीते-जी अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए कुछ भी करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए।

प्रश्न. गीत की भाषा तथा शब्द – योजना पर प्रकाश डालिए।

उत्तर – प्रस्तुत गीत खड़ी बोली हिंदी में लिखा गया है। इस गीत में अरबी और फ़ारसी के शब्दों का प्रयोग मिलता है। गीत में वीर रस की उत्पत्ति करने वाले सुंदर शब्दों का प्रयोग है। भाषा में ओजगुण सर्वत्र विद्यमान है। गीत की भाषा मुहावरेदार है। गीत की भाषा अत्यंत सरल, सरस, प्रभावशाली एवं मार्मिक है। सुर, लय और ताल का ऐसा तालमेल है जो पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।