प्रश्न. कविता की उड़ान को चिड़िया के समान बताते हुए भी कवि ने यह क्यों कहा है कि कविता की उड़ान चिड़िया की समझ से परे है? ‘कविता के बहाने’ के संदर्भ में लिखिए।
उत्तर : कविता की उड़ान चिड़िया की समझ से परे है क्योंकि चिड़िया के उड़ने की एक सीमा है जबकि कविता की उड़ान देशकाल से बाहर भी सम्भव है। कविता की उड़ान कल्पना और विचारों की उड़ान होती है जिसमें विचारों एवं भावों की परिपक्वता होती है। चिड़िया इस कविता के विचारों एवं भावों की कल्पना से बिल्कुल अलग है। वह कविता की उड़ान को नहीं समझ सकती।