कक्षा 12वीं प्रश्न-उत्तर


प्रश्न. कहानी ‘पहलवान की ढोलक’ व्यवस्था के बदलने के साथ लोक कला और इसके कलाकार के अप्रासंगिक हो जाने की कहानी है। पंक्ति को विस्तार दीजिए।

उत्तर : • पुरानी व्यवस्था में राजदरबार और जनता द्वारा इन कलाकारों को मान-सम्मान दिया जाता था, पर नई व्यवस्था में सम्मान देने का प्रचलन नहीं रहा है।

• वे राजघराने के खर्चे पर जीवित रहते थे, पर नई व्यवस्था में ऐसा न था।

• उनके सहारे ये जीवित रहते थे, परंतु नई व्यवस्था में विलायती दृष्टिकोण को अपनाया गया है।

• लोक कलाकारों को कम महत्त्व प्राप्त होता है।

• पुरानी व्यवस्था में कलाकारों और पहलवानों को राजाओं का आश्रय एवं संरक्षण प्राप्त था।