आज का सुविचार
इसमें कोई शक नहीं कि विकल्प बच्चों को सशक्त बनाते हैं, पर असाधारण नहीं।
मनोवैज्ञानिक औएरिन वेस्टगेट
आदतन बच्चों से कई सवाल पूछकर उनकी अधिकारिता को बढ़ाना, नुकसानदेह हो सकता है।
बच्चों से यह अपेक्षा करना कि वे हर फैसले पर तुरंत सहमति देंगे, पैरेंट्स और बच्चों के लिए अव्यवहारिक हो जाता है।
यह बच्चा होने के सर्वोत्तम पहलू भी छीन लेता है।
जरूरी है कि हम बच्चों को चिंता-मुक्त जिंदगी दें और समझें कि पसंद से वैसे भी संतुष्टि नहीं मिलती, बल्कि कई मामलों में इससे पछतावा होने की आशंका होती है।’