जब अपनी पसंद अच्छी लगी, फिर चाहे वो ड्रेस हो, चाहे जीवन जीने का तरीका हो, काम करने का तरीका, अपनी लाइफ स्टाइल हो, ये सभी हमारी अपनी पसंद हैं। हमारा खुद का चुनाव है। ऐसे में खुद पर डाउट न करें।
अपनी खुशियों के लिए हम दूसरों की टिप्पणियों के मोहताज क्यों हैं?
बी के शिवानी
हम सबको आजादी पसंद है, लेकिन हम किसी न किसी के ओपिनियन के गुलाम हैं।
यह निर्भरता ही तो बदलनी है।
लाइक कमेंट चैक करने के लिए रोज सोशल मीडिया पर घंटों बिताते हैं।
माना कि ये दुनिया उतार-चढ़ावों से गुजर रही है।
कभी कुछ हमारे अनुसार हो रहा है, तो कुछ हमारे अनुसार नहीं भी हो रहा है।
लेकिन अगर हमारा दिमाग खुशियों के लिए बाहरी चीजों पर निर्भर हो गया, तो सच्ची खुशी हासिल नहीं कर पाएंगे।
इसके लिए अंदर झांकना होगा। हमें समय रहते कदम उठाना होगा।