अपठित गद्यांश
दिए गए नाट्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
मेरे वीर सैनिको! आज चार साल से युद्ध हो रहा है, फिर भी हम इस कलिंग को जीत नहीं पाए हैं। उसके किसी दुर्ग पर मगध की पताका नहीं फहरा रही है। कलिंग के महाराज मारे गए हैं। उनके सेनापति पहले ही कैद हो चुके हैं। फिर भी कलिंग आत्मसमर्पण नहीं कर रहा है। आओ, आज हम मातृभूमि की शपथ लेकर प्रण करें कि या तो हम कलिंग के दुर्ग पर अधिकार कर लेंगे या सदा के लिए मृत्यु की गोद में सो जाएंगे।
(क) पाठांश में कौन किसे संबोधित कर रहा है?
(ख) किन कठिन स्थितियों के बावजूद कलिंग आत्मसमर्पण नहीं कर रहा था?
(ग) सम्राट अशोक अपने सैनिकों को शपथ दिलाकर किस उद्देश्य की पूर्ति करना चाहता था?