CBSEComprehension PassageEducationNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)WordPressਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾ (Comprehension Passage)

अपठित गद्यांश


अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :


धर्म की इस बुद्धिहीन दृढ़ता और देव-दुर्लभ त्याग पर मन बहुत झुंझलाया। अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। धन ने उछल-उछलकर आक्रमण करने शुरू किए। एक से पाँच, पाँच से दस, दस से पंद्रह और पंद्रह से बीस हज़ार तक नौबत आ पहुँची। किंतु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इस बहुसंख्यक सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भाँति अटल, अविचलित खड़ा था।

पंडित अलोपीदीन निराश होकर बोले, “अब इससे अधिक मेरा साहस नहीं। आगे आपको अधिकार है।”

दरोगा वंशीधर ने अपने जमादार को ललकारा। बदलूसिंह पंडित अलोपीदीन की ओर बढ़ा। पंडित जी घबराकर दो-तीन कदम पीछे हटे। अत्यंत दीनता से बोले, “बाबू साहब, मुझ पर दया कीजिए, मैं पच्चीस हज़ार पर निपटारा करने को तैयार हूँ।”


प्रश्न 1. दिए गए शब्दों के अर्थ लिखिए :

) युद्ध

) हमला

प्रश्न 2. दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:

) दानव

) सुलभ

प्रश्न 3. कौन पर्वत की भाँति अटल, अविचलित खड़ा है?

प्रश्न 4. उपर्युक्त गद्यांश में कौन, किसको रिश्वत दे रहा है?