अपठित गद्यांश
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें :
इस संसार में धन ही सब कुछ नहीं है। धन की पूजा बहुत कम स्थानों पर होती देखी गई है। संसार का इतिहास इस बात का प्रमाण है कि जिनके लिए हम आँखें बिछाने को तैयार रहते हैं, उन्होंने धन कमाने में अपना समय व्यतीत नहीं किया। उन्होंने ऐसे काम किए, जिनका महत्त्व रुपयों से कहीं अधिक है। जिन लोगों के जीवन का एक मात्र उद्देश्य धन बटोरना है, उनकी -प्रतिष्ठा कम हुई है। उन्हें किसी ने पूछा तक नहीं। उन्होंने जन्म लिया, रुपया कमाया और मर गए। किसी ने जाना तक नहीं कि – वे कौन थे और कहाँ गए? मानव समाज स्वार्थी अवश्य है, पर वह स्वार्थ की उपासना नहीं करता। अंत में वे ही पूजे जाते हैं, – जिन्होंने अपने जीवन को देश और समाज के लिए अर्पित कर दिया।
प्रश्न 1. उपर्युक्त अनुच्छेद का उचित शीर्षक दीजिए।
प्रश्न 2. संसार का इतिहास क्या प्रमाणित करता है?
प्रश्न 3. क्या समाज स्वार्थ की उपासना करता है?
प्रश्न 4. धन बटोरने वालों के विषय में क्या कहा गया है?