CBSEClass 9 HindiComprehension PassageEducationPunjab School Education Board(PSEB)अपठित गद्यांश (Comprehension in Hindi)

अपठित गद्यांश : दुःख का अधिकार (मनुष्यों की पोशाकें)


दुःख का अधिकार : यशपाल


निम्नलिखित गद्यांश और उन पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़िए :

मनुष्यों की पोशाकें उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। प्रायः पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जा निश्चित करती है। वह हमारे लिए अनेक बंद दरवाजे खोल देती है, परंतु कभी ऐसी भी परिस्थिति आ जाती है कि हम जरा नीचे झुककर समाज की निचली श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं। उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है। जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं, उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है।

प्रश्न (क) पोशाकें मनुष्य को कैसे बाँटती हैं?

उत्तर : पोशाकें मनुष्य को विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। ये पोशाकें ही मनुष्य को उसका अधिकार दिलाती हैं तथा समाज में उसका दर्जा निश्चित करती हैं। यदि कोई व्यक्ति अच्छी, महँगी, चमकदार पोशाक पहनता है तो वह अमीर और उच्च वर्ग का माना जाता है। साधारण पोशाक पहननेवाला गरीब व निम्न वर्ग का माना जाता है।

प्रश्न (ख) पोशाक कब अड़चन बन जाती है?

उत्तर : जब हम समाज की निम्न श्रेणी के दुःख को देखकर झुकना चाहते हैं अर्थात उसके दुःख का कारण जानना चाहते हैं तो उच्च भावना के कारण झुक नहीं पाते। उन लोगों के साथ खुलकर बात नहीं कर पाते। ऊपर से यह पोशाक भी हमारे सामने रुकावट बन जाती है।

प्रश्न (ग) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।

उत्तर : पाठ : दुःख का अधिकार,

लेखक : यशपाल।


बहुविकल्पीय प्रश्न

(क) समाज में प्रायः मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जा कौन निश्चित करता है?

(i) आर्थिक स्थिति

(ii) पोशाक

(iii) परिस्थिति

(iv) विभिन्न श्रेणियाँ

(ख) पोशाक तब बंधन और अड़चन बन जाती है, जब-

(i) मनुष्य को विभिन्न श्रेणियों में बाँटना हो।

(ii) हम अवसर के दरवाजे खोलना चाहते हैं।

(iii) हम निम्न श्रेणी की अनुभूति को समझना चाहते हैं।

(iv) हम खास परिस्थितियों में उठना चाहते हैं।

(ग) पोशाकें मनुष्य को कैसे बाँटती हैं?

(i) विभिन्न श्रेणियों में

(ii) आर्थिक स्थिति के अनुसार

(iii) अवसर के अनुसार

(iv) परिस्थिति के अनुसार

(घ) उपर्युक्त गद्यांश के विषय में कौन-सा कथन सत्य है?

(i) पोशाक से मनुष्य में आत्मविश्वास का संचार होता है।

(ii) साधारण पोशाक से मनुष्य का चरित्र निर्माण नहीं होता है।

(iii) हमें निम्न श्रेणी के लोगों के साथ घुल-मिलकर रहना चाहिए।

(iv) समाज में मनुष्य का बाहरी आवरण ही प्रायः महत्वपूर्ण माना जाता है।