अनौपचारिक पत्र : माताजी को मित्र के विषय में पत्र
अपने कुछ नए मित्रों की विशेषताएँ बताते हुए अपनी माता जी को एक पत्र।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली-110008
दिनांक : 25 अप्रैल 2008
पूज्य माता जी चरण स्पर्श !
कुछ दिन पूर्व जब मैंने इस विद्यालय की दसवीं कक्षा में प्रवेश लिया तो मैं स्वयं को बहुत अकेला और उपेक्षित अनुभव करता था, परंतु एक सप्ताह में ही मेरी इस समस्या का हल हो गया। आज छात्रावास में रहने वाले अनेक छात्र मेरे मित्र बन गए हैं। उनमें से मोहन और राम मेरे सबसे अच्छे मित्र हैं। ये दोनो पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी रुचि रखते हैं। दोनों अत्यंत परिश्रमी हैं तथा अपने अध्यापकों का बहुत सम्मान करते हैं। मोहन तो अपनी कक्षा में सदैव प्रथम रहा है जबकि राम खेलों में अनेक पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। वह पढ़ाई में भी अच्छा है। सबकी सहायता करना उनका स्वभाव है। मेरे अन्य सहपाठी भी अच्छे हैं। मुझे यहाँ किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
पिता जी को चरण स्पर्श तथा अंकुश, नोनी को प्यार।
आपका पुत्र
क• ख• ग•