CBSEEducationHindi Grammarअनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुच्छेद लेखन : पहला सुख निरोगी काया


पहला सुख निरोगी काया


प्रसिद्ध उक्ति पहला सुख निरोगी काया का आशय है कि जिस व्यक्ति का शरीर स्वस्थ है, रोग रहित है वह व्यक्ति सबसे सुखी है। संसार के सभी सुखों में निरोगी काया का बड़ा सुख है। यदि शरीर स्वस्थ न हो तो संसार के सब वैभव फीके हैं। उनसे कोई आनंद प्राप्त नहीं होगा। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए व्यायाम जरूरी है। व्यायाम उन शारीरिक चेष्टाओं को कहते हैं जो शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने के उद्देश्य से की जाती हैं। इस दृष्टि से खेलकूद भी मनोरंजक व्यायाम ही है। जिमनास्टिक, दौड़-कूद, ड्रिल, योग आदि भी व्यायाम के अंतर्गत आते हैं। व्यायाम करने से माँसपेशियाँ लचीली रहती हैं व रक्त संचार सुचारू रहता है। शिक्षा व मनोरंजन के दृष्टिकोण से भी व्यायाम का अत्यधिक महत्त्व है। व्यायाम समाज के हर वर्ग के लिए आवश्यक व लाभदायी है। हर आयु वर्ग के स्त्री-पुरुष व्यायाम कर सकते हैं। व्यायाम छात्रों व शिक्षकों के लिए अति उपयोगी है। इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में अनेक प्रकार के खेल-कूद व पी. टी. कराई जाती है। व्यायाम से मन भी पवित्र होता है। स्वस्थ शरीर व्यसनों को अपने पास नहीं फटकने देता। बचपन का व्यायाम शरीर को लंबे समय तक शक्ति देता रहता है। कहा भी गया है – स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास संभव है। स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मस्तिष्क से ही कोई भी व्यक्ति अपने समाज व राष्ट्र की प्रगति में सहयोग दे सकता है। वरना शरीर से बीमार और मन से अस्वस्थ व्यक्ति जब स्वयं का कल्याण नहीं कर सकता तो वह समाज का क्या कल्याण कर सकता है।