CBSEEducationNCERT class 10thParagraphPunjab School Education Board(PSEB)

अनुच्छेद लेखन


युवाओं का विदेशों के प्रति बढ़ता मोह


हमारे देश भारत की भूमि प्रतिभाओं की दृष्टि से अत्यन्त उर्वर है किन्तु आज अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष इन उच्चकोटि की बौद्धिक प्रतिभाओं का बहुत तेजी से पलायन हो रहा है। किसी भी देश की युवा शक्ति देश के विकास और प्रगति का मुख्य आधार होती है। जिस जन्मभूमि का अन्न खाकर, वायु और जल से पोषित होकर और जिसकी पावन रज में खेलकर हम बड़े हुए हैं हमें उसके प्रति सदैव ऋणी रहना चाहिए किन्तु समय परिवर्तन के साथ युवाओं की सोच बदल रही है। आज युवाओं में पाश्चात्य संस्कृति के प्रति विशेष लगाव बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर बनने के बाद एक सुविधा सम्पन्न जीवन जीने की अभिलाषा से आज युवक विदेशों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। विदेशों का स्वतन्त्र वातावरण और उच्चस्तरीय जीवन शैली के कारण विदेश जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भारत में बढ़ती बेरोजगारी और विदेशों में रोजगार के अनगिनत अवसर, उच्च कोटि का वेतनमान, शिक्षा और अनुसंधान के नए अवसर प्राप्त होना भी इसका एक प्रमुख कारण है। आज का युवा अपनी मातृभूमि, भारतीय संस्कृति एवं जीवन शैली की उपेक्षा करने लगा है। इस प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए हमें बचपन से ही शिशुओं में देश प्रेम की भावना और राष्ट्र की जड़ों से जोड़ने वाले नैतिक मूल्य विकसित करने होंगे। साथ ही अपने देश में रोजगार और शैक्षिक अनुसंधान के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। आज भारत की गणना तेजी से उभरती विश्व शक्ति के रूप में की जाती है। प्रतिभा पलायन रोकने के लिए भारत में रोजगार के बेहतर अवसर और ‘स्टार्ट-अप’ जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। युवाओं को भी विदेशी मोह को त्याग कर अपनी प्रतिभा का प्रयोग देश हित में करना अपना नैतिक उत्तरदायित्व समझना होगा।