अनुच्छेद लेखन : साँच बराबर तप नहीं

साँच बराबर तप नहीं संस्कृत की एक प्रसिद्ध उक्ति है-‘सत्येन धारयते जगत’ अर्थात् सत्य ही जगत को धारण करता है। … Continue reading अनुच्छेद लेखन : साँच बराबर तप नहीं