अनुच्छेद लेखन : पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं

पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं ‘स्वतंत्रता मनुष्य का जन्म सिद्ध अधिकार है।’ स्वतंत्रता केवल मनुष्यों का नहीं समस्त प्राणियों का अधिकार … Continue reading अनुच्छेद लेखन : पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं